चंडीगढ़ (ब्यूरो)- Punjab News … किसान विरोधी रवैये के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Singh Mann) ने बुधवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसान विरोधी सख्त कानून को पिछले दरवाजे से पास करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा की जा रही किसी भी कोशिश का राज्य सरकार जोरदार विरोध करेगी।
यहां अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री (Bhagwant Singh Mann) ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से शंभू और खनौरी सीमा पर किसान आंदोलन चल रहा है। उन्होंने बताया कि किसान संगठनों ने पिछले साल जनवरी-फरवरी में केंद्र सरकार से विस्तारपूर्वक वार्ता की थी, और राज्य सरकार ने इस वार्ता के लिए पुल का काम किया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि किसानों की मांगें मुख्य रूप से केंद्र सरकार से संबंधित हैं, और इसमें पंजाब की कोई भूमिका नहीं है।
मुख्यमंत्री (Bhagwant Singh Mann) ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने किसानों के प्रति कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार पीछे के दरवाजे से काले कानून लागू करने का प्रयास कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि किसानों की सभी मांगें केंद्र सरकार से जुड़ी हुई हैं, लेकिन मोदी सरकार इस पर उदासीन बनी हुई है।
मुख्यमंत्री( Bhagwant Singh Mann) ने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) की ओर से मरण व्रत जारी है परंतु केंद्र सरकार को उनकी परवाह नहीं है, जबकि राज्य सरकार ने उनकी स्वास्थ्य देखभाल के लिए 50 से अधिक डॉक्टरों की नियुक्ति की है। भगवंत सिंह मान ( Bhagwant Singh Mann) ने बताया कि उन्होंने खुद डल्लेवाल को फोन कर उनका मरण व्रत समाप्त करने की अपील की थी, परन्तु केंद्र सरकार ने अन्नदाताओं की भावनाओं को शांत करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि शांतिपूर्ण ढंग से बैठे डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) और किसानों को धरने की जगह से हटा दिया जाए, भले ही इस आंदोलन से कानून व्यवस्था में कोई समस्या पैदा नहीं हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह हैरान हैं कि केंद्र सरकार किसानों के साथ बातचीत करने से बच रही है और इस जिम्मेदारी को राज्य सरकार पर डालने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की शिकायतों का समाधान करने के बजाय किसानों पर ही जिम्मेदारी डालने का प्रयास कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की समस्याओं को हल करने के बजाय फिर से काले कानून लागू करने की तैयारी कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसी भी ऐसे कदम का समर्थन नहीं करेगी, जो पंजाब और उसके किसानों के हितों के खिलाफ हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की कीमती जानें बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को पहले ही लागू कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह विरोधाभास की स्थिति है क्योंकि किसानों के मुद्दे केंद्र से संबंधित हैं और हरियाणा सरकार किसानों पर बल प्रयोग कर रही है, लेकिन पूरी स्थिति के लिए पंजाब को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने किसान नेता डल्लेवाल से अपना मरण व्रत समाप्त करने की अपील करते हुए कहा कि उनकी जान देश और किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब के किसानों द्वारा देश के लिए दिए गए इतने बड़े योगदान के बावजूद उनके साथ बातचीत शुरू करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र को अपनी अहंकारी और बेरुखी भरी नीति छोड़कर सभी संबंधित पक्षों के साथ खुलकर बातचीत करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को डीएपी खाद उपलब्ध कराने में असफल रही है और राज्य से चावल की खरीद अब तक पूरी नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इन समस्याओं को हल करने के बजाय राज्य, विशेष रूप से किसानों और सरकार के बीच फूट डालने की कोशिश कर रही है, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार गन्ना किसानों को सबसे ज्यादा एसएपी दे रही है और राज्य में पानी के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब को किसान आंदोलन से निपटने के लिए न तो एयर एंबुलेंस की जरूरत है और न ही अतिरिक्त बलों की, लेकिन केंद्र सरकार को सभी पक्षों, विशेष रूप से किसानों के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य की शांति और कानून-व्यवस्था को हर कीमत पर बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में लाभ लेने के लिए केंद्र को इतना नीचे नहीं गिरना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ बातचीत करके इस मुद्दे को हल करने से बच रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस मुद्दे को रोजाना केंद्र सरकार के समक्ष उठा रहे हैं, लेकिन केंद्र किसानों की किसी भी मांग पर ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि राज्य का विषय है, लेकिन केंद्र सरकार अपने फैसले को राज्य पर थोपने की कोशिश कर रही है, जो अनुचित है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह सच्चाई है कि मोदी सरकार को अपने फैसले लागू करने के लिए बल प्रयोग करने की आदत हो गई है। उन्होंने कहा कि मोदी के पास खुद को विश्व गुरु के रूप में पेश करने का समय है, लेकिन वह अपने देशवासियों की समस्याओं का समाधान नहीं करना चाहते।